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अयोध्या
तीन लोक यात्रा करो!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
तीन लोक यात्रा करो, सिद्धशिला तक भी चलो
तर्ज—सबसे बड़ी मूर्ति का……
तीन लोक यात्रा करो, सिद्धशिला तक भी चलो,
सिद्ध प्रभु का दर्शन मिलेगा, आत्मतत्व का कमल खिलेगा।। टेक.।।
जम्बूद्वीप हस्तिनापुरी में।
रचनाएँ मनोहर बनी हैं।।
तीन लोक भी बना है सुन्दर।
जिसमें बने हैं महल व मंदिर।।
देखो जरा ठीक से, रचना को नजदीक से,
ज्ञानदीप मन में तब जलेगा, आत्मतत॒त्व का कमल खिलेगा।। तीन.।।१।।
सात नरक अधोलोक में हैं।
जहाँ मात्र दुख ही अनंते हैं।।
जिनभवन भी हैं प्रथम धरा में।
खर व पंक भाग दिख रहा है।।
पाप ना कमाना कभी, नरक में न जाना कभी,
अशुभ कर्म तब नहीं बंधेगा, आत्मतत्त्व का कमल खिलेगा।। तीन.।।२।।
मध्यलोक जिनवरों का दर्शन।
करो ऊध्र्वलोक का भी वंदन।।
सिद्धशिला अर्धचन्द्र सम है।
वहाँ राजे सिद्धों को नमन है।।
‘‘चन्दनामती’’ चलो, सीढ़ियाँ चढ़े चलो,
दर्श सिद्ध प्रभु का अब मिलेगा, आत्मतत्त्व का कमल खिलेगा।। तीन.।।३।।
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