तीर्थ
Place of pilgrimage, auspicious means for the path of salvation. जो संसाररूपी सागर से तिराये अर्थात् पार करे उसे तीर्थ कहा गया है , इसका दो प्रकार से वर्णन है। 1. भावतीर्थ- सम्यग्दर्शन , सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र रूप परिणत आत्मा । 2. द्रव्य तीर्थ- तीर्थंकर भगवन्तों की पंचकल्याणक भूमियाँ, अन्य सिद्धक्षेत्र इत्यादि । जैसे – अयोध्या, सम्मेदशिखर , गिररनार, कुण्डलपुर आदि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]