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तीर्थंकरत्रय का महामस्तकाभिषेक!
June 18, 2020
भजन
jambudweep
तीर्थंकरत्रय का महामस्तकाभिषेक
तर्ज—बाहुबलि भगवान का महामस्तकाभिषेक……
तीर्थंकरत्रय का महामस्तकाभिषेक, जन्मभूमि में प्रथम बार, तीर्थंकरत्रय अभिषेक।
मस्तकाभिषेक, तीर्थंकरत्रय का महामस्तकाभिषेक।। टेक.।।
सोलहवें तीर्थंकर जिनवर शांतिनाथ कहलाये।
उनके जन्म में हस्तिनापुर में देव-इन्द्र सब आये।
राजा विश्वसेन हरषे थे, माँ ऐरा को स्वप्न दिखे थे।
रत्नवृष्टि करने आया था धनकुबेर सिर टेक।। मस्तकाभिषेक.।।१।।
इसी तरह से कुंथु-अरह जिनवर क्रम से जन्मे।
तीनों ही तीर्थंकर चक्री कामदेव पदयुत थे।।
इनके गौरव की गाथाएं, वर्णित हैं शास्त्रों में कथाएं।
चार कल्याण मनाने उनके, आए इन्द्र अनेक।। मस्तकाभिषेक.।।२।।
लाखों वर्षों बाद बनी, उनकी विशाल प्रतिमाएं।
जिन पर आज करें सब मिलकर, क्षीर कलश धाराएं।।
ज्ञानमती माताजी की महिमा, जिनकी कृपा से बनी हैं प्रतिमा।
वे प्रसन्न ‘‘चंदनामती’’, हो रहीं महोत्सव देख।। मस्तकाभिषेक.।।३।।
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