जन्म भूमि | अयोध्या (उ.प्र.) | प्रथम आहार | साकेत पुर के राजा विशाख द्वारा (खीर) |
पिता | महाराजा सिहसेन | केवलज्ञान | चैत्र कृ. अमावस |
माता | महारानी जयश्यामा | मोक्ष | चैत्र कृ. अमावस |
वर्ण | क्षत्रिय | मोक्षस्थल | सम्मेदशिखर पर्वत |
वंश | इक्ष्वाकु | समवसरण में गणधर | श्री जय आदि ५० |
देहवर्ण | तप्त स्वर्ण सदृश | मुनि | छ्यासठ हजार (६६०००) |
चिन्ह | सेही | गणिनी | आर्यिका सर्वश्री |
आयु | तीस (३०) लाख वर्ष | आर्यिका | एक लाख आठ हजार (१०८०००) |
अवगाहना | दो सौ (२००) हाथ | श्रावक | दो लाख (२०००००) |
गर्भ | कार्तिक कृ.१ | श्राविका | चार लाख (४०००००) |
जन्म | ज्येष्ठ कृ.१२ | जिनशासन यक्ष | किन्नर देव |
तप | ज्येष्ठ कृ. १२ | यक्षी | अनंतमती देवी |
दीक्षा -केवलज्ञान वन एवं वृक्ष | सहेतुक वन एवं पीपल वृक्ष |