जन्म भूमि | मिथिलानगरी | प्रथम आहार | वीरपुर नगर के राजा दत्त द्वारा (खीर) |
पिता | महाराजा विजय | केवलज्ञान | मगसिर शु. ११ |
माता | महारानी वप्पिला (वर्मिला) | मोक्ष | वैशाख कृ. १४ |
वर्ण | क्षत्रिय | मोक्षस्थल | सम्मेदशिखर पर्वत |
वंश | इक्ष्वाकु | समवसरण में गणधर | श्री सुप्रभार्य आदि १७ |
देहवर्ण | तप्त स्वर्ण सदृश | मुनि | आर्यिका मंगिनी |
चिन्ह | नीलकमल | गणिनी | आर्यिका पुष्पदंता |
आयु | दस हजार (१००००) वर्ष | आर्यिका | पैंतालीस हजार (४५०००) |
अवगाहना | साठ (६०) हाथ | श्रावक | एक लाख (१०००००) |
गर्भ | आश्विन कृ.२ | श्राविका | तीन लाख (३०००००) |
जन्म | आषाढ़ कृ.१० | जिनशासन यक्ष | श्री विद्युत्प्रभ देव |
तप | आषाढ़ कृ.१० | यक्षी | चामुण्डी देवी |
दीक्षा -केवलज्ञान वन एवं वृक्ष | चैत्रवन एवं वकुलवृक्ष |