जन्म भूमि | वाराणसी (उत्तर प्रदेश) | प्रथम आहार | गुल्मखेट नगर के राजा धन्य द्वारा (खीर) |
पिता | महाराजा अश्वसेन | केवलज्ञान | चैत्र कृ. ४ (१४) |
माता | महारानी वामादेवी (ब्राह्मी) | मोक्ष | श्रावण शु. ७ |
वर्ण | क्षत्रिय | मोक्षस्थल | सम्मेद शिखर पर्वत |
वंश | उग्रवंश | समवसरण में गणधर | श्री स्वयंभू आदि १० |
देहवर्ण | मरकतमणि सदृश (हरा) | मुनि | सोलह हजार (१६०००) |
चिन्ह | सर्प | गणिनी | आर्यिका सुलोचना |
आयु | सौ वर्ष (१००) | आर्यिका | छत्तीस हजार (३६०००) |
अवगाहना | नौ हाथ (९) | श्रावक | एक लाख (१०००००) |
गर्भ | वैशाख कृ. २ | श्राविका | तीन लाख (३०००००) |
जन्म | पौष कृ. ११ | जिनशासन यक्ष | धरणेन्द्र देव |
तप | पौष कृ. ११ | यक्षी | पद्मावती देवी |
दीक्षा – वन एवं वृक्ष | अश्ववन एवं देवदारूवृक्ष |