(ज्ञानमती_की_अमृतवाणी)
महानुभावों! आज मैं आपको तीन तीर्थंकरों-सोलहवें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ, सत्रहवें तीर्थंकर भगवान कुंथुनाथ एवं अट्ठारहवें तीर्थंकर भगवान अरनाथ के जीवन से परिचित कराती हूँ जिनके गर्भ-जन्म-तप और ज्ञान ये चार-चार कल्याणक हस्तिनापुर की पावन धरती पर हुए तथा सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि ये तीनों ही महापुरुष तीर्थंकर होने के साथ ही साथ चक्रवर्ती और कामदेवपद के भी धारी हुए हैं।