वर्तमानकालीन २४ तीर्थंकरों की १६ जन्मभूमियों की वंदना के उद्देश्य से १६ व्रत करना है। व्रत के दिन उन-उन तीर्थंकरों की पूजन करें तथा ‘‘तीर्थंकर जन्मभूमि विधान’’ की पुस्तक से उन-उन जन्मभूमियों की भी पूजन करें। व्रत के उद्यापन में संभव हो तो सोलहों जन्मभूमियों की वंदना करें अथवा अयोध्या, हस्तिनापुर, वाराणसी आदि प्रमुख तीर्थों की वंदना अवश्य करें। व्रत में तिथि का कोई बंधन नहीं है। एक महीने में एक व्रत अवश्य करना है। व्रत की उत्तम विधि उपवास, मध्यम विधि अल्पाहार एवं जघन्य विधि एकाशन है। व्रत के उद्यापन में जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर से प्रकाशित ‘‘तीर्थंकर जन्मभूमि विधान’’ करें, १६-१६ उपकरण मंदिर जी में रखें तथा कोई ग्रंथ प्रकाशित करवाकर वितरित करें। व्रत की समुच्चय जाप्य-ॐ ह्रीं षोडशजन्मभूमिपवित्रीकृत श्रीचतुर्विंशतितीर्थंकरेभ्यो नम:। प्रत्येक व्रत के पृथक्-पृथक् मंत्र- १. ॐ ह्रीं श्रीऋषभदेवतीर्थंकर-गर्भजन्म-कल्याणक-अजित-अभिनंदन-सुमति-अनन्तनाथ गर्भ-जन्म-दीक्षा-केवलज्ञान कल्याणकपवित्र शाश्वत अयोध्यातीर्थक्षेत्राय नम:। २. ॐ ह्रीं श्रीसंभवनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र श्रावस्तीतीर्थक्षेत्राय नम:। ३. ॐ ह्रीं श्रीपद्मप्रभतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र कौशाम्बी-प्रभासगिरितीर्थक्षेत्राय नम:। ४. ॐ ह्रीं श्रीसुपार्श्वनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणक-पार्श्वनाथ-गर्भजन्मदीक्षाकल्याणकपवित्र वाराणसी तीर्थक्षेत्राय नम:। ५. ॐ ह्रीं श्रीचंद्रप्रभतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र चन्द्रपुरीतीर्थक्षेत्राय नम:। ६. ॐ ह्रीं श्रीपुष्पदंतनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र काकंदीतीर्थक्षेत्राय नम:। ७. ॐ ह्रीं श्रीशीतलनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणक-पवित्र भद्रिकावतीतीर्थक्षेत्राय नम:। ८. ॐ ह्रीं श्रीश्रेयांसनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणक-पवित्र सिंहपुरीतीर्थक्षेत्राय नम:। ९. ॐ ह्रीं श्रीवासुपूज्यतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञाननिर्वाणकल्याणक-पवित्र चंपापुरी-मंदारगिरि-सिद्धक्षेत्राय नम:। १०. ॐ ह्रीं श्रीविमलनाथतीर्थंकर-गर्भ-जन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र कंपिलापुरीतीर्थक्षेत्राय नम:। ११. ॐ ह्रीं श्रीधर्मनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र रत्नपुरीतीर्थक्षेत्राय नम:। १२. ॐ ह्रीं श्रीशांतिनाथ-कुंथुनाथ-अरनाथ तीर्थंकरगर्भजन्म-दीक्षा-केवलज्ञान चतुश्चतु:कल्याणकपवित्र हस्तिनापुरी-तीर्थक्षेत्राय नम:। १३. ॐ ह्रीं श्रीमल्लिनाथ-नमिनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षा-केवलज्ञानकल्याणकपवित्र मिथिलापुरीतीर्थक्षेत्राय नम:। १४. ॐ ह्रीं श्रीमुनिसुव्रतनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकेवलज्ञानकल्याणकपवित्र राजगृहीतीर्थक्षेत्राय नम:। १५. ॐ ह्रीं श्रीनेमिनाथतीर्थंकर-गर्भजन्मकल्याणकपवित्र शौरीपुरीतीर्थक्षेत्राय नम:। १६. ॐ ह्रीं श्रीमहावीरतीर्थंकर-गर्भजन्मदीक्षाकल्याणकपवित्र कुण्डलपुरीतीर्थक्षेत्राय नम:।