तेरहवां द्वीप ‘रुचकवर’ नाम से प्रसिद्ध है। इसके मध्य भाग में सुवर्णमय रुचकवर पर्वत स्थित है। इस पर्वत का विस्तार सर्वत्र ८४००० योजन एवं ऊँचाई भी इतनी ही है इसकी नींव १००० योजनमात्र है। इस पर्वत के मूल व उपरिम भाग में वनवेदी आदि से विशेष रमणीय, तटवेदियाँ व उपवन स्थित हैं। इस पर्वत के ऊपर ४४ कूट हैं पूर्वदिशा में कनक आदि उत्तम नाम वाले ८ कूट हैं ये कूट ५०० योजन ऊँचे, मूल में ५०० योजन विस्तृत व ऊपर में २५० योजन विस्तृत, वेदी, वनखंडों से युक्त हैं। इन कूटों के ऊपर जिन भवनों से भूषित देवियों के भवन हैं उन पर क्रम से विजया, वैजयंता, जयंता, अपराजिता, नंदा, नंदवती, नंदोत्तरा, और नंदिषेणा नामक दिक्कन्यायें निवास करती हैं। पर्वत पर दक्षिण दिशा में स्फटिक रजत आदि नाम वाले आठ कूटों पर इच्छा, समाहारा, सुप्रकीर्णा, यशोधरा, लक्ष्मी, शेषवती, चित्रगुप्ता और वसुन्धरा नाम की ८ दिक्कन्यायें रहती हैं। पर्वत पर पश्चिम दिशा में अमोद्य, स्वस्तिक आदि नाम वाले ८ कूटों पर इला, सुरादेवी, पृथ्वी, पद्मा, एकनासा, नवमी, सीता और भद्रा नाम की दिक्कन्यायें रहती हैं। पर्वत के उत्तर में विजय आदि ८ कूटों पर क्रम से अलंभूषा, मिश्रकेशी, पुण्डरीकिणी, वारुणी, आशा, सत्या, ह्री और श्री नाम की दिक्कन्यायें रहती हैं।
इनमें से पूर्व दिशा की ८ दिक्कन्यायें जिन भगवान के जन्म कल्याणक में झारी को धारण करती हैंं। दक्षिण दिशा गत दिक्कन्यायें जिन जन्मकल्याणक में दर्पण धारण करती हैं। पश्चिम दिशा गत कन्यायें जिन जन्मकल्याणक में जिनमाता के ऊपर छत्र धारण करती हैं। उत्तर दिशागत दिक्कन्यायें जिन जन्मकल्याणक में जिन माता पर चंवर ढोरती हैं।
वे सभी उपर्युक्त वन वेदियों से रमणीय हैं। इन कूटों की वेदियों के अभ्यंतर चार दिशाओं में पूर्वोक्त कूटों के सदृश चार महाकूट स्थित हैं। इन कूटों पर रहने वाली सौदामिनी, कनका, शतह्रदा और कनकचित्रा देवियाँ जिन जन्मकल्याणक में दिशाओं को निर्मल करती हैं। इन कूटों के अभ्यंतर भाग में पूर्वोक्त कूटों के सदृश चार कूट हैं इन पर रहने वाली रुचका, रुचककीर्ति, रुचककांता और रुचकप्रभा दिक्कन्यायें जिन भगवान के जात कर्म में जाती हैं। इनमें से प्रत्येक की आयु एक पल्य है। उनके परिवार श्री देवी के समान हैं।इन कूटों के अभ्यंतर भाग में चारों दिशाओं में १-१ ऐसे चार सिद्धकूट हैं इसमें पूर्वोक्त वर्णन से युक्त ४ जिन भवन हैंं। यहाँ तक मध्य लोक के चैत्यालय माने जाते हैं।