दर्शन प्रतिमा-जो संसार,शरीर,भोगो से विरक्त,शुद्ध सम्यगदर्शन का धारी,चरण कमलों की शरण ग्रहण करने वाला और सच्चे मार्ग पर चलने वाला है, वह दर्शन प्रतिमाधारी कहलाता है”वह श्रावक पञ्च उदम्बर और सप्त व्यसनों का तथा रात्रि में चारो प्रकार के आहार का त्यागी होता है “