दशलक्षण पर्व अनादिनिधन पर्व है ।यह वर्ष में तीन बार दश- दश दिनों के लिए आता है । चैत्र- माघ एवं भादों के महीने में शुक्ला पंचमी से लेकर चतुर्दशी तक दश दिन तक जैन समाज के श्रद्धालु भक्तगण अपने- अपने जैन मंदिरों में बड़ी श्रद्धा के साथ इस पर्व को अनेक आयोजनपूर्वक मनाते हैं । इस पर्व में प्रतिदिन एक- एक धर्म ( जैसे- उत्तम क्षमा,मार्दव,आर्जव,सत्य, शौच,संयम,तप,त्याग,आकिंचन्य और ब्रम्हचर्य ) की पूजन एवं जाप्य करते हैं ।