भव्य जीवों के सिद्धिमहल पर चढ़ने के लिये सीढ़ियों की पंक्ति के समान यह दशलक्षणमय धर्म नित्य ही हम लोगों के चित्त को पवित्र करे । दशलक्षण पर्व वर्ष में तीन बार आता है – भादों के महीने में , माघ के महीने में और चैत्र के महीने में ।
इनमें से विशेष रूप से भादों के महीने में यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है ।