दिगम्बर= दिक् + अम्बर
अर्थात दिशायें हि जिनके वस्त्र है। दिगम्बर मुनि निर्वस्त्र होते हैं, पड्गाहन करने पर एक बार खडे होकर हाथ में ही आहार लेते है मात्र पिछी कमण्ड्लु रखते है पैदल चलते है।
वर्तमान में जैन समाज में दो मुख्य संप्रदाय हैं, एक दिगंबर और दूसरा श्वेतांबर। दिगंबर (दिशा ही जिसका अंबर अर्थात् वस्त्र हो) का अर्थ ‘नग्न’ होता है। दिगंबर संप्रदाय के अनुयायी मोक्ष प्राप्त करने के लिए नग्नतत्व को मुख्य मानते हैं और स्त्रीमुक्ति का निषेध करते हैं।