तर्ज – आज कल तेरे मेरे ……………..
देखो महामंत्र ही सब मंत्रो का सार है ,
माँ जिनवाणी का भी यही मूल आधार है ” जिससे तन मन जगे ,
रोम रोम में रंगे महके तन मन जगे सुबह शाम जो जपे महके तन मन …….
जिसने तार दिया लाखो को वह नवकार है माँ जिनवाणी का भी यही मूल आधार है ||१||
अरिहंतो को सिद्धो को नमन करे , करके ध्यानत्व कर्मो का हनन करे करकर ध्यांनत्व …….
यह तो वही वर्ज जो सबका केवलज्ञान है माँ जिनवाणी का भी यही मूल आधार है ||२||
देखो महामंत्र ही सब मंत्रो का सार है , माँ जिनवाणी का भी यही मूल आधार है |