पूज्यश्री का नाम | प .पू. प्रज्ञाश्रमण सारस्वताचार्य श्री देवनंदीजी महाराज |
ग्रहस्थावस्था का नाम | मुलायमचंद जैन |
जन्मस्थान | शाहगढ़ जिला- सागर (मध्य प्रदेश) |
जन्मतिथि व दिनांक | १५-०८-१९६३ |
जाति | गोलापूर्व |
गोत्र | सिंघई |
माता का नाम | श्रीमती शीलादेवी जैन |
पिता का नाम | श्रीमान प्रेमचंदजी जैन |
लौकिक शिक्षा | मैट्रिक |
आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत् | अनंत चतुर्दशी १९७९ |
क्षुल्लक दीक्षा तिथि ,दिनांक व स्थान | ५-२-१९८१, श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) |
क्षुल्लक दीक्षा गुरु | प.पू.गणधराचार्य श्री कुंथुसागरजी महाराज |
मुनि दीक्षा तिथि ,दिनांक व स्थान | ३१-३-१९८२ हासन(कर्नाटक) |
मुनि दीक्षा गुरु | प.पू.गणधराचार्य श्री कुंथुसागरजी महाराज |
आचार्य पदारोहण तिथि व स्थान | ५-४-१९९८, श्री क्षेत्र जैनगिरि (महाराष्ट्र) |
साहित्यक कृतित्व | वास्तु चिंतामणि, देवशिल्प, मंत्र संहिता, बोलती कथाएं आदि अनेक ग्रंथ |
उपाधि | प्रज्ञाश्रमण, सर्वोदयी संत, धवलपिच्छाचार्य, ज्ञानयोगी, सारस्वताचार्य आदि |
अन्य विशेष जानकारी | णमोकार क्षेत्र के प्रणेता, श्री कुन्थुसागर जी गुरुदेव के उत्तराधिकारी, अपार वात्सल्य के धनी, आर्ष परम्परा के कट्टर सम्पोषक, लगभग ५० तीर्थक्षेत्रों का जीर्णोद्धार |
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