पूर्व विदेह के अंत में जम्बूद्वीप की जगती के पास सीता नदी के दोनों किनारों पर रमणीय देवारण्य वन स्थित हैंं। अपर विदेह के अंत में जम्बूद्वीप की जगती के पास सीतोदा नदी के दोनों किनारों पर भूतारण्य वन हैं।
देवारण्य और भूतारण्य का विस्तार, पृथक-पृथक २९२२ योजन प्रमाण है। इस देवारण्य वन में सुवर्ण, रत्न, चाँदी से निर्मित वेदी, तोरण, ध्वज, पताकादिकों से मंडित विशाल प्रासाद हैं। इन प्रासादों में उपपाद-शय्या, अभिषेक गृह, क्रीड़नशाला, जिनभवन आदि विद्यमान हैं। यहाँ के प्रासादों से ईशानेन्द्र के परिवार देव बहुत प्रकार से क्रीड़ा करते रहते हैं, ऐसा ही सम्पूर्ण वर्णन भूतारण्य वन का भी समझना चाहिए।