इंद्र प्रासाद के चारों ओर देवी और वल्लभाओं के अनेकों उत्तम रत्नमय दिव्य भवन हैंं इन देवियों के भवनों की ऊँंचाई ५०० योजन, चौड़ाई ५० योजन एवं लम्बाई १०० योजन है। वल्लभाओं के भवनों की ऊँचाई ५२० योजन, चौड़ाई ५२ योजन लम्बाई १०४ योजन प्रमाण है।
इन सभी भवनों में षट् ऋतुओं के योग्य फल, पुष्पादि से व्याप्त, उपवनखंड, स्वच्छ जल से भरी वापियाँ, आदि वस्तुयें शोभायमान हैं। नित्य ही अनेक प्रकार के गीत, वाद्यों से वहाँ का मनोरम, स्थान शब्दायमान रहता है। ये सब भवन उत्तम-उत्तम कर्केतन, मरकत, प्रवाल, पुखराज आदि रत्नों से निर्मित हैं।