लिवर को हम शरीर की केमिकल फैक्ट्री कह सकते हैं जो २४ घंटे लगातार अपना कार्य करता रहता है। यह शरीर की रचना का महत्वपूर्ण भाग है जो हमारे पेट की पसलियों के नीचे दाइं और डायक्रम के पास स्थित है। लिवर का मुख्य कार्य पित्त को रस से अलग कर, यूरिक एसिड के रूप में पेशाब से बाहर निकालना, शरीर को गर्मी प्रदान करना, चिकनाई को पचाना और खून में रेड सेल्स को नियन्त्रण करना होता है। लिवर खराब होने से शरीर में कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं जैसे रक्ताल्पता, स्क्रवी, पीलिया और लिवर का बढ़ जाना। यदि समय पर इलाज न हो सके तो लिवर कार्य करना बंद कर देता है जिससे कैंसर तक होने का खतरा बढ़ जाता है। लिवर ठीक न होने से भूख में कमी आती है और दुर्बलता का अहसास होता है। लिवर ठीक न होने से हाथ पैरों में सूजन , बुखार रहना, कब्ज रहना आदि आम होता है। लिवर की गड़बड़ी से पेशाब का रंग भी पीला होता है। वदन में खुजली का होना , जीभ पर मैल जमना और जीभ का खुश्क रहना, बालों का गिरना, आदि लक्षण भी देखे जा सकते हैं। स्वभाव में चिड़चिड़ापन होना, सुस्ती, आंखों में खिंचाव आदि भी देखने में आता है। लिवर की गड़बड़ी के लक्षण होने पर योग्य चिकित्सक से परामर्श कर दवा तथा परहेज करें। भोजन भी डॉक्टर अनुसार बताया गया लें। ऐसे में सादा, कम मसाले वाला, भुना उबला हुआ भोजन लेना चाहिए।
उपचार
रोटी बिना घी वाली लें। परांठा, पूड़ी बिल्कुल न खाएं। सब्जियां उबली हुई या नान स्टिक बर्तनों में बनी ही खाएं। ताजे गन्ने का रस लाभप्रद होता है। आंवला कच्चा, मुरब्बा, आंवले का रस लेना भी फायदेमंद है। साग विशेषकर बथुआ, चौलाई, रक्त बढ़ाने में मदद करते हैं। अनार का रस, संतरा आदि भी लें सकते हैं। पानी में ग्लूकोस मिलाकर दिन में कई बार लेना चाहिए। उत्तेजक, नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल न करें।