प्रश्न – द्रौपदी के क्या पाँच पति थे ?
उत्तर – जैन ग्रंथों के अनुसार-पांडवपुराण, हरिवंशपुराण आदि ग्रंथों के अनुसार द्रौपदी के स्वयंवर में अर्जुन ने चन्द्रवेध किया था, तब द्रौपदी ने केवल अर्जुन के गले में वरमाला डाली थी, उस समय हवा के झोंके से माला टूट गई व कुछ पुष्प इधर-उधर बैठे हुए पांडवों पर गिर पड़े, तभी किसी एक व्यक्ति ने बाहर जाकर कहा कि- ‘‘द्रौपदी ने पाँच पति वरे हैं।’’ यह किंवदन्ती फैल गई। वास्तव में द्रौपदी के लिए युधिष्ठिर और भीम ज्येष्ठ-पिता तुल्य थे तथा नकुल व सहदेव देवर-पुत्र तुल्य थे। ये भी द्रौपदी को पुत्री व माता के समान समझते थे। ऐसा जैन महाभारत में लिखा है।