इन द्वारों के अधिपति व्यंतर देव हैं। द्वारों के जो नाम हैं वे ही नाम रक्षा के निमित्त से इन देवों के भी हैं। इन देवों की आयु एक पल्य प्रमाण है एवं इनके शरीर की ऊँचाई दस धनुष प्रमाण है। ये दिव्य निर्मल मुकुट के धारक और हजारों देवियों से सहित हैं।