धर्मचक्र व्रत २२ दिनों में पूर्ण होता है। इसमें १६ उपवास और ६ पारणाएँ सम्पन्न होती हैं। प्रथम उपवास, पारणा, पश्चात् दो उपवास पारणा, अनन्तर तीन उपवास पारणा, तत्पश्चात् चार उपवास पारणा, पश्चात् पाँच उपवास पारणा एवं अन्त में एक उपवास और पारणा की जाती है। धर्मचक्र व्रत के दिनों में ‘ॐ ह्रीं अरिहंतधर्मचक्राय नम:’ मंत्र का जाप गुग्गुल और धूप देकर किया जाता है।
A type of vow (fasting). एक व्रत ; धर्मच्रक के 1000 आरों की अपेक्षा से एक उपवास और एक पारणा के क्रम से हजार उपवास आदि अंत में पृथक् रूप से बेला किया जाता है।