कबंधु नगर के तालाब से पीने के लिए जल छान रहा था , उसे एक राज कर्मचारी ने देख लिया और पकड़कर राजा के पास ले गया। यह सब दृश्य छोटा बालक जिनसेन देख रहा था, उसने अपनी माता से पूछा माताजी ये लोग उस आदमी को क्यों पकड़ कर ले गये हैं । माँ ने उत्तर दिया— बेटा, यहाँ का राजा जैनधर्म से द्वेष रखता है, क्योंकि इनके गुरू शंकराचार्य ने अपने धर्म की भारत भर में विजय होने की घोषणा की है। आज अपना कोई प्रभावशाली आचार्य नहीं है, जो इन्हें जीतकर जैन धर्म की प्रभावना कर सके। जिनसेन ने कहा— माँ , मैं शीघ्र ही दिगम्बर मुनि बनकर प्रतिदिन १०० व्यक्ति जैन धर्म में दीक्षित करूंगा। दीक्षित होकर जिन सेनाचार्य ने भारत भर में जैन धर्म का डंका बजवा दिया।