अक्सर ऐसा कहा जाता है कि सिगरेट के धुएं में गम भी छूमंतर हो जाती है इसलिए कुछ लोग अपना गम दूर करने के लिए सिगरेट के नशे के शिकार हो जाते हैं पर विशेषज्ञों के अनुसार सिगरेट तनाव या थकावट दूर नहीं करती। ‘द ऐसोसिएशन’ के अनुसार धूम्रपान करने वाला व्यक्ति, धूम्रपान न करने वाले व्यक्ति की अपेक्षा अधिक स्ट्रेस अनुभव करता है। यही नहीं, ऐसे व्यक्ति नकारात्मक भावनाओं जैसे क्रोध, चिड़चिड़ापन आदि के भी शिकार होते हैं। जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनमें धूम्रपान के प्रभाव पुरूषों की अपेक्षा अधिक पाए गए । महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा अधिक तनाव, चिडचिड़ापन व रोग पाए गए, इसलिए जो व्यक्ति यह समझते हैं कि वह अपने गम या तनाव को सिगरेट के धुएं में उड़ा देंगे, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि यह धुआं उनके वजूद को ही खत्म कर सकता है।