नकसीर — नथुओं में दो दो बूंद नींबू का रस टपकाने से नाक से रक्त गिरना तुरन्त बंद हो जाता है। जिन्हें प्राय: नकसीर आती है वे सूखे आंवलों को रात को भिगोकर उस पानी से रोज प्रात: सिर धोयें। आंवले का मुरब्बा खायें यदि नकसीर किसी भी प्रकार से बंद न हो तो आंवलों का रस नाक में टपकायें, लाभ होगा। आंवले को पीसकर सिर पर लेप करने से भी लाभ होता है। रोगी की गर्दन पीछे झुकाकर लिटा दो और उसके दोनों नाक में चार चार बूंद देशी घी की डालकर रोगी को इसे सांस से अन्दर खीचने को कहें। लाभ होगा। यह क्रिया सप्ताह में एक बार अवश्य करें। गाय के कच्चे दूध में फिटकरी घोलकर सूंघने से नकसीर ठीक हो जाती है। यदि नकसीर बन्द न हो तो फिटकरी पानी में घोलकर उसमें कपड़ा भिगोकर ललाट पर रख दें। ५–१० मिनट में लाभ होगा। हरे धनिये का रस सुंघाने और पत्तियों को पीस कर सिर पर लेप करने से गर्मी के कारण नाक से बहने वाला रक्त बन्द हो जाता है। १० ग्राम मुल्तानी मिट्टी रात को मिट्टी के बर्तन में आधा किलो पानी में भिगो दें। प्रात: पानी को निथार कर पीएं। वर्षों पुरानी नकसीर भी ठीक हो जाती है। ठंडा पानी सिर पर धार बांधकर डालने से रक्त गिरना बन्द हो जाता है। सिर पर बर्फ रगड़ें या बर्फ का ठण्डा पानी सिर पर डालें लाभ होगा।
नकसीर फूटने पर — बाएं छेद से खून आ रहा हो तो दांयी भुजा का या दांये से खून बह रहा हो तो बांयी भुजा को कसकर बाँधें, खून बंद हो जायेगा, जब भुजा दर्द होने लगे तो बंधन खोल दें। चन्दन पत्थर पर घिसकर माथे पर लेप करें नाक से खून आना बन्द हो जायेगा।
नाक में कीड़े होने पर — हींग को गर्म पानी में घोलकर ड्रापर से नाक में टपकायें कीड़े निकल जायेगें अथवा एरण्ड का तेल उबालकर सूँघने से नाक के कीड़े निकल जाते हैं।