अर्चि, अर्चिमालिनी, वैर, वैरोचन, सोम, सोमरूप, अंक, स्फटिक और आदित्य ये ९ अनुदिश हैं। इनमें से आदित्य विमान मध्य में है, अर्चि अर्चिमालिनी आदि ४ क्रम से पूर्वादिक चार दिशाओं में हैं एवं सोम आदि चार विमान विदिशा में हैं। दिशा के श्रेणीबद्ध, विदिशा के प्रकीर्णक कहलाते हैं।
विजय, वैजयंत, जयंत, अपराजित और सर्वार्थसिद्धि ये ५ अनुत्तर हैं। मध्य में सर्वार्थसिद्धि एवं चार दिशा में विजय आदि विमान श्रेणीबद्ध नाम से हैं।