नियमसार –
आज से लगभग दो हजार वर्ष पूर्व आचार्य श्री कुंदकुंद स्वामी द्वारा रचित नियमसार ग्रन्थ अध्यात्म जगत् का महान ग्रन्थ माना जाता है ।उन गाथाओं पर गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने स्याद्वादचंद्रिका नाम से संस्कृत एवं हिंदी टीका लिखी है । जो जम्बूद्वीप – हस्तिनापुर से प्रकाशित हुई है । स्वाध्यायी जन इनका स्वाध्याय अवश्य करें ।