पूज्यश्री का नाम –उपाध्याय निर्भयसागर जी महाराज
गृहस्थावस्था नाम- सवाई सिंंघई अभयकुमार जैन
जन्मस्थान – ग्राम—घवौली, त.बण्डा (सागर) म. प्र.
जन्मतिथि व दिनाँक – फाल्गुन कृष्ण चर्तुदशी २४ फरवरी, १९६३
जाति – परवार जैन
गोत्र – देदाभूरी वात्सल्य गोत्र
माता का नाम श्रीमति सुहागरानी जैन
पिता का नाम श्री हुकुमचन्द जी जैन (सिंघई)
लौकिक शिक्षा – एम. एस. सी.
आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण –आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत १६ नवम्बर, १९८६ द्वारा – परम पूज्य संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – माघ शुक्ला, १२ फरवरी १९८७ सिद्धक्षेत्र नैनागिरि (म. प्र.)
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा गुरु – प. पू. आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
ऐलक दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – आषाढ शुक्ला चौदस २८ जुलाई १९८८
ऐलक दीक्षा गुरु – परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
मुनि दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – माघ शुक्ला द्वादशी, २८ जनवरी, २००७ उदयपुर (राज.)
मुनि दीक्षा गुरु – परम पूज्य करुणार्मुित आचार्य श्री अभिनंदन सागर जी महाराज
आचार्य/उपाध्याय/गणिनी आदि पदारोहण तिथि व स्थान – २८ जनवरी, २००७ उदयपुर (राज.)
पदारोहणकर्ता – परम पूज्य वात्सल्यमूर्ति वर्तमान पट्टाचार्य श्री अभिनंदन जी महाराज
साहित्यिक कृतित्व -. वैज्ञानिक महत्त्व, उपवास एक वैज्ञानिक दृष्टि, दूध दही का वैज्ञानिक विश्लेषण, पूजन का वैज्ञानिक अनुशीलन,पाठशाला और शिक्षण कला, दोहा पंचसती, निर्भयज्ञान के मोती
उपाधि – वीतरागी संत, वैज्ञानिक संत
शिष्यों की संख्या – आचार्य की संख्या-
अन्य विशेष जानकारी –२७ जेल में प्रवचन, २० गोशाला जीव दया केन्द्र की प्रेरणा, १०० पाठशालाओ की प्रेरणा, भागलपुर में मूर्ति चमत्कार, राजगृही में तीर्थ पर्वत को पुन:दर्शनार्थ खुलवाया औश्र पंचकल्याण प्रतिस्थापित कराई।’
(२०)कृपया फार्म के साथ साधु/साध्वी जी का पिच्छी-कमण्डलु सहित रंगीन एवं अच्छा फोटो अवश्य संलग्न करें।