इंद्र भवनों के आगे न्यग्रोध वृक्ष होते हैं ये एक-एक वृक्ष पृथ्वीकायिक और जम्बूवृक्ष के सदृश हैं। इन वृक्षों के मूल में प्रत्येक दिशा में एक-एक जिन प्रतिमा विराजमान हैं। जिनके चरणों में सतत शक्रादि नमस्कार करते हैं।