Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
पंच परमेष्ठी एवं चौबीसों जिनवर की आरती!
June 10, 2020
आरती
jambudweep
मंगल आरती
तर्ज-चांदनपुर के गाँव में बुला ले सांवरिया……….
घृत दीपक का थाल ले, उतारूँ आरतिया, मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।
पाँचों परमेष्ठी की एवं चौबीसों जिनवर की।।घृत दीपक.।।टेक.।।
समवसरणयुत अरिहंतों की, सिद्धशिला के सिद्धों की-२
भवदुख नाशन हेतु ही, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।१।।
परमेष्ठी आचार्य उपाध्याय साधु मोक्षपथगामी है-२
रत्नत्रय की प्राप्ति हित, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।२।।
मुनिवर ही तो कर्म नाश, अरिहंत-सिद्ध पद पाते हैं-२
कर्म विनाशन हेतु ही, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।३।।
चौबीस जिन जहाँ जन्मे एवं जहाँ से मोक्ष पधारे हैं-२
उन सब पावन तीर्थ की, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।४।।
देव-शास्त्र-गुरू तीनों जग में, तीन रतन माने हैं-२
आतम निधि के हेतु ही, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।५।।
तीन लोक के जिनमन्दिर, कृत्रिम-अकृत्रिम जितने हैं-२
उन सबकी ‘‘चंदनामती’’, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।६।।
पाँचों परमेष्ठी की एवं चौबीसों जिनवर की-२
घृत दीपक का थाल ले, उतारूँ आरतिया मैं तो पाँचों परमेष्ठी की।।७।।
Tags:
Aarti
Previous post
नमिनाथ की आरती
Next post
नेमिनाथ की आरती
Related Articles
कल्याण मंदिर विधान की आरती!
September 28, 2020
jambudweep
पुण्यास्रव विधान की आरती!
June 10, 2020
jambudweep
पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी की आरती!
December 17, 2017
jambudweep