जन्मभूमि-रत्नपुरी (जिला फैज़ाबाद ) उत्तर प्रदेश
पिता-महाराज भानुराज माता-महारानी सुप्रभा
वर्ण-क्षत्रिय गोत्र-काश्यप
वंश-इक्ष्वाकु देहवर्ण-तप्त स्वर्ण सदृश
चिन्ह-वज्रदंड आयु-दस लाख वर्ष
अवगाहना-एक सौ अस्सी हाथ गर्भ-वैशाख शु. १३
जन्म-माघ शु. १३ तप-माघ शु. १३
वैराग्यकारण-उल्कापात दीक्षावन-शालवन
दीक्षा वृक्ष-सप्तपर्ण वृक्ष
प्रथम आहार-पाटलिपुत्र नगर के राजा धन्यषेण द्वारा (खीर)
केवलज्ञान वन एवं वृक्ष-शालवन एवं सप्तपर्ण
केवलज्ञान-पौष शु. १५ मोक्ष-ज्येष्ठ शु. ४
मोक्षस्थल-सम्मेद शिखर पर्वत
समवसरण में चतुर्विध संघ
गणधर-श्री अरिष्टसेन आदि ४३ मुनि-चौंसठ हजार
गणिनी-आर्यिका सुव्रता आर्यिका-बासठ हजार चार सौ
श्रावक-दो लाख श्राविका-चार लाख
जिनशासन यक्ष-िंकपुरुषदेव यक्षी-मानसी देवी
भगवान धर्मनाथ वर्तमान वीर नि.सं. २५४९ से तीन सागर ६५,८६,५४९ वर्ष पहले मोक्ष गए हैं।