center”600px”]] ==चट्टानों के बीच पत्थरों पर खुदी प्रतिमाऐं==
center”600px”]] ==मंदिर तक पहुॅचने के लिए ऐसी 500 सीढिया चढनी पडती है ।==
center”600px”]] ==पहाड पर बना संग्रहालय जो पुरातत्व विभाग के पास है ।==
center”600px”]] ==सीढिया चढने के बाद लगभग तीन-चार कि.मी. जंगल में पत्थरों व पगडंडी पर चलने का मार्ग फिर मंदिर==
center”600px”]] ==मूलनायक अतिशयकारी शान्तिनाथ भगवान की वेदी==
center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान के दाई तरफ विराजमान प्रतिमा इस पर कोई लांछन अंकित नहीं है । ==
center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान व धर्मनाथ भगवान की प्रतिमा का आधा हिस्सा ==
center”600px”]] ==धर्मनाथ भगवान की वेदी ==
center”600px”]] ==खण्डित चैबींसी ==
center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान की चरण कमल ==
center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान की पूर्ण वेदी ==
center”600px”]] ==प्राचीन पाषाण का सहस्त्रकूट जिनालय ==
center”600px”]] ==जंगल में से होकर मंदिर तक जाने का रास्ता ==
center”600px”]] ==मंदिर का जीर्णोद्वार हुआ बाहरी स्वरूप ==
center”600px”]] ==तालाब के किनारे प्राचीन खण्डित मंदिर ==
center”600px”]] ==तालाब के किनारे शान्तिनाथ जिनालय ==
center”600px”]] ==शान्तिनाथ जिनालय के भी आगे चैबीसी के पास जाने का मार्ग ==
center”600px”]] ==पत्थर की शिला पर लिखा प्राचीन शिलालेख ==
center”600px”]] ==पत्थरों के बीच दिखती चैबीसीं ==
center”600px”]] ==खड्गासन अवगाहना में चढान पर उकेरी गई प्राचीन प्रतिमा भगवान शान्तिनाथ, धर्मनाथ व आदिनाथ भगवान की । ==
center”600px”]] ==खण्डर पडे मंदिर का बाहरी कलात्मक रूप ==
center”600px”]] ==प्राचीन लेख शिला पर लिखा हुआ ==
center”600px”]] ==पत्थर पर बनी जिन प्रतिमाऐं ==
center”600px”]] ==पहाड पर इतनी ऊचाई के बावजूद इस बाबडी में हमेशा पानी रहता है । वो भी मीठा पानी पीने योग्य ==
center”600px”]] ==तलहटी स्थित गांव में शिखर सहित मंदिर का प्रवेश द्वार ==
center”600px”]] ==मूलनायक शान्तिनाथ भगवान व अन्य भगवान की वेदी ==
center”600px”]] ==नये मंदिर का प्रवेश द्वार ==
center”600px”]] ==वेदी में विराजमान शान्तिनाथ भगवान व अन्य भगवान ==
center”600px”]] ==मूलनायक शान्तिनाथ भगवान ==
center”600px”]]