[[श्रेणी:मध्य_प्रदेश_के_अतिशय_क्षेत्र]] ==श्री 1008 शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अजयगढपोस्ट तहसील- अजयगढ, जिला- पन्ना, (म.प्र.)== क्षेेेत्र परिचय क्षेत्र का फोन नम्बर 07730-278257 है । इस अतिशय क्षेत्र के वर्तमान अध्यक्ष श्री राजकुमार जी जैन है जिनके फोन नम्बर 07730-278244 है मोबाईल नम्बर 09425025925 है एवं मंत्री श्री कोमलचन्द जी जैन है जिनके फोन नम्बर 07730-27825 यहां के कोषाध्यक्ष सिंघई श्री महेन्द्र कुमार जी जैन है जिनके फोन नम्बर 07730-278498 है । यहां आवास के लिए कोई व्यवस्था नहीं है । यहां भोजनशाला भी नहीं है । यह क्षेत्र दुर्गम पहाडी के बीच स्थित है । निकटतम रेलवे स्टेशन सतना 100 कि.मी. की दूरी पर है व अत्तरा 60 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । बस स्टेण्ड अजयगढ है । निकटतम प्रमुख नगर पन्ना 32 कि.मी. की दूरी पर है । निकटतम तीर्थक्षेत्र खजुराहो 70 कि.मी., द्रोणगिरि 165 कि.मी. एवं नैनागिरि 180 कि.मी. एवं श्रेंयासगिरि 85 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । ==चढाई के बीच में बने द्वार== center”600px”]] ==चट्टानों के बीच पत्थरों पर खुदी प्रतिमाऐं== center”600px”]] ==मंदिर तक पहुॅचने के लिए ऐसी 500 सीढिया चढनी पडती है ।== center”600px”]] ==पहाड पर बना संग्रहालय जो पुरातत्व विभाग के पास है ।== center”600px”]] ==सीढिया चढने के बाद लगभग तीन-चार कि.मी. जंगल में पत्थरों व पगडंडी पर चलने का मार्ग फिर मंदिर== center”600px”]] ==मूलनायक अतिशयकारी शान्तिनाथ भगवान की वेदी== center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान के दाई तरफ विराजमान प्रतिमा इस पर कोई लांछन अंकित नहीं है । == center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान व धर्मनाथ भगवान की प्रतिमा का आधा हिस्सा == center”600px”]] ==धर्मनाथ भगवान की वेदी == center”600px”]] ==खण्डित चैबींसी == center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान की चरण कमल == center”600px”]] ==शान्तिनाथ भगवान की पूर्ण वेदी == center”600px”]] ==प्राचीन पाषाण का सहस्त्रकूट जिनालय == center”600px”]] ==जंगल में से होकर मंदिर तक जाने का रास्ता == center”600px”]] ==मंदिर का जीर्णोद्वार हुआ बाहरी स्वरूप == center”600px”]] ==तालाब के किनारे प्राचीन खण्डित मंदिर == center”600px”]] ==तालाब के किनारे शान्तिनाथ जिनालय == center”600px”]] ==शान्तिनाथ जिनालय के भी आगे चैबीसी के पास जाने का मार्ग == center”600px”]] ==पत्थर की शिला पर लिखा प्राचीन शिलालेख == center”600px”]] ==पत्थरों के बीच दिखती चैबीसीं == center”600px”]] ==खड्गासन अवगाहना में चढान पर उकेरी गई प्राचीन प्रतिमा भगवान शान्तिनाथ, धर्मनाथ व आदिनाथ भगवान की । == center”600px”]] ==खण्डर पडे मंदिर का बाहरी कलात्मक रूप == center”600px”]] ==प्राचीन लेख शिला पर लिखा हुआ == center”600px”]] ==पत्थर पर बनी जिन प्रतिमाऐं == center”600px”]] ==पहाड पर इतनी ऊचाई के बावजूद इस बाबडी में हमेशा पानी रहता है । वो भी मीठा पानी पीने योग्य == center”600px”]] ==तलहटी स्थित गांव में शिखर सहित मंदिर का प्रवेश द्वार == center”600px”]] ==मूलनायक शान्तिनाथ भगवान व अन्य भगवान की वेदी == center”600px”]] ==नये मंदिर का प्रवेश द्वार == center”600px”]] ==वेदी में विराजमान शान्तिनाथ भगवान व अन्य भगवान == center”600px”]] ==मूलनायक शान्तिनाथ भगवान == center”600px”]]