जीव तीन प्रकार के होते हैं : बहिरात्मा, अन्तरात्मा और परमात्मा। परमात्मा के दो रूप हैं—अरिहंत और सिद्ध। निग्गहिए मणपसरे, अप्पा परमप्पा हवइ।
मन के विकल्पों को रोक देने पर आत्मा, परमात्मा बन जाता है।