जब तक पानी में डूबे हुये व्यक्ति की लाश फूलकर तैरती हुई बाहर न आये तब तक उसे मरा हुआ नहीं मानना चाहिए, पानी में कोई डूब गया हो और दो घंटे हो गये , बारह घंटे हो गये। डॉक्टर बोलते हैं ये तो लाश है, उसका प्राण डूबने के कारण पानी पी गया है, सहसार में दब गया है, उसको उल्टा करावो, जितना पानी निकाल सके उतना निकाले, हिलाओ, डुलाओ, उल्टा करो, खाली १-२ बोरी नमक से मुर्दा जिंदा हो जायेगा एक खाली कमरा हो उसमें नमक का बिस्तर बिछा दो …. हल्का सा, पानी में डूबा हुआ जो मुर्दा है उसको …..नमक के श्ररूशी पर सुला देना उसकी और उसको चारों ओर से नमक ढक देना…. आंख, नाक और मुँह खुला रहे बाकि सारे शरीर को नमक में दबा देना…. नमक के गुणधर्मों से उसकी जो प्राणशक्ति है… नीचे के केन्द्रों में लौटेगी और आदमी खड़ा हो जायेगा। और ये कमरे में थोड़ा गौ चन्दन धूप बत्ती जला दें, उसमें थोड़ी गाय के घी की बूंदें भी डालें… ये भी प्राणशक्ति को मदद करता है। नमक की लेयर तो रखे लेकिन उसकी प्राण शक्ति को बुलाने के लिये ओम ऐं ऐं ऐं , मन्त्र जपे और उसके सिर पर अपनी उंगलियों की चेतना भेजे वो जागेगा नमक जो काम करेगा ४० प्रतिशत तो ६० प्रतिशत ये करेगा।