तुमसे लागी लगन, ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा।।तुमसे.
निशदिन तुमको जपूँ, पर से नेहा तजूँ, जीवन सारा,
तेरे चरणों में बीते हमारा।तुमसे.
अश्वसेन के राजदुलारे,वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।
सबसे नेहा तोड़ा, जग से मुँह को मोड़ा, संयम धारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा।।तुमसे.
इन्द्र और धरणेन्द्र भी आए, देवी पद्मावती मंगल गाए।
आशा पूरो सदा, दु:ख नहिं पावे कदा, सेवक थारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा।।तुमसे.
जग के दु:ख की तो परवाह नहीं है, स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।
मेटो जामन मरण, होवे ऐसा जतन, पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा।।तुमसे.
बारम्बार तुम्हें शीश नमाऊँ, जग के नाथ तुम्हें वैâसे पाऊँ।
‘‘पंकज’’ व्याकुल भया, दर्शन बिन ये जिया, लागे खारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा।।तुमसे.