[[श्रेणी:शब्दकोष]]
पार्श्वकृष्टि – Parsvakrsti.
A type of Krishtics (gradual destruction of passions).
पहले समय में की गई कृष्टि के समान ही अनुभाग लिये जो नवीन कृष्टि द्वितीयादि समयों में की जाती है, पूर्व कृष्टि के पार्श्व में ही उनका स्थान होने से वह पार्श्व कृष्टि कहलाती हैं “