स्कन्ध पुद्गल के छह प्रकार हैं–अतिस्थूल, स्थूलसूक्ष्म, सूक्ष्मस्थूल, सूक्ष्म और अतिसूक्ष्म। पृथ्वी आदि इनके छह दृष्टान्त हैं।
पृथ्वी जलं च छाया, चतुरिन्द्रियविषय—कर्म—परमाणव:।
षड्विधभेदं भणितं, पुद्गलद्रव्यं जिनवरै:।।
—समणसुत्त : ६४२
पृथ्वी, जल, छाया तथा नेत्र शेष चार इन्द्रियों के विषय, कर्म व परमाणु—इस प्रकार जिनदेव ने स्कन्ध पुद्गल के छह दृष्टान्त कहे हैं। (पृथ्वी अतिस्थूल का, जल स्थूल का, छाया—प्रकाश आदि नेत्र इन्द्रिय—विषय सूक्ष्म—स्थूल का कार्मण—स्कन्ध सूक्ष्म तथा परमाणु अतिसूक्ष्म का दृष्टान्त है।