१. बच्चा अगर मजबूत धागा खुद सूतता है तो यह मानें कि वह मेहनती बच्चा है। इसके विररीत रेडिमेड धागा खरीदता है तो इंस्टेंट पसंद के साथ सुविधाभोगी भी है।
२. बच्चा अगर पतंगों की खरीदी में सूक्ष्मतापूर्वक कॉप—टुड्डे और ताव देखता है। साथ ही थोक में खरीदी करता है तो वह सचेत और किफायत पसंद निकलेगा।
३. बच्चे की पसंद सादी पतंगे हैं तो वह सादगी पसंद और बहुरंगी तथा डिजाइनों वाली पतंग खरीदता है तो वह वह कलात्मक रुचि वाला होगा।
४. बच्चा अगर अपनी चकरी किसी को नहीं पकड़ाता है तो आत्मनिर्भर होगा। किसी को चकरी पकड़ाता है तो सहयोग की अपेक्षा वाला होगा और हमेशा किसी ना किसी का हुक्का (चकरी) पकड़ता है तो चाकरी प्रवृत्ति का होगा। चकरी पकड़ने के साथ उडाने वाले की पतंगबाजी की प्रशंसा करता है, तो चापलूसी करने वाला निकलेगा। पतंग कटते ही चकरी छोड़कर भाग जाए तो अविश्वसनीय निकलेगा।
५. पेंच लड़ाने से बचे तो यह समझो कि कुछ तो शांतिप्रिय और कुछ भीरु प्रवृत्ति का होगा। बच्चा अगर आगे होकर पेंच लड़ाए तो लफड़ेबाज और दुस्साहसी होगा।
६. पूतजी अगर शै (ढील) में पेंच लड़ाए तो जानों किसी भी लड़ाई को लंबी लड़ने का उसमें धैर्य होगा। इसके विपरीत अगर वह पल्टा के खींचे तो अचानक आक्रमणकर्ता होगा, मगर अवसर की परख उसमें होगी। लड़का अगर आड़ी—तिरछी अथवा खड़ी पतंग से ही खींच मारे तो तय मानिए कि वह दिमाग से पैदल होगा।
७. जिससे उसका पेंच कटा हो, उसी से अगला पेंच लड़ाए तो बच्चा मजबूत इरादों वाला होगा। पेंच कटने के साथ ही धागा समेटने के बजाए हत्थे से मंजा तोड़ दे तो भैया साहेब दानवीर प्रवृत्ति के होगें, यह तय है।
८. किसी की उड़ती पतंग लिंगड़ डालकर बैठा ले तो बच्चा पक्के में नेतागिरी करेगा।। झाँकड़ा लेकर पतंग लूटने के लिए दौड़े तो समझो वह अपने हित साधने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकता है।
९. पड़ोसी के घर जाकर उस पतंग के लिए जो उसकी नहीं है यह कहे कि मेरी पतंग टूटकर आपकी गच्ची पर आ गई है। तो यह मानकर चलो कि उसे अपने फायदे के लिए झूठ बोलने में कोई संकोच नहीं है।
१०. जो बच्चा पतंग—मंजा बेचे भी और उड़ाए भी तो यह माने कि वह धंधेबाज भी निकलेगा और शौकीन भी होगा।
११. जो बच्चा घंटों छत पर खड़ा होकर पतंग कट कर आने का इंतजार करे वह बड़ा ही धैर्यवान होगा। इस पर भी उसकी टूटी पतंग कोई माँगे और वह दे दे तो उदारमान भी होगा। अब आप स्वयं तय करें कि पतंगबाजी के नक्शे में आपका लाड़ला किस स्थान पर है ? उसकी प्रवृत्तियों अर्थात् लक्षणों के आधार पर आप निष्कर्ष निकाल लें कि आपके बालक का भविष्य क्या होगा ? हमने तो पतंगबाजी के आपके पूत के लक्षण बता दिए।