[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथकत्व विक्रिया – Prthaktva Vikriya. Miraculous activity of making different forms of body at different places at time while original body remaining at original place. अपने मूल शरीर से भिन्न – भिन्न अनेक शरीर बनाकर उनमें अपने आत्मा के प्रदेशों को फैलाना ” जैसे – सौंधर्म इंद्र अपने मूल शरीर को सौधर्म स्वर्ग में छोड़कर विक्रिया के शरीर से भगवान के पंचकल्याणक मनाने भरतक्षेत्र इत्यादि में जाते हैं “