संतुलित पौष्टिक आहार ही अच्छे स्वास्थ्य का परिचायक होता है। जहां आहार बिगडा, वहीं स्वास्थ्य भी शीघ्र गड़बडा जाता है। स्वास्थ्य ठीक नहीं तो कोई काम करने को मन भी नहीं करता। स्वास्थ्य ठीक रखना जरूरी है। वर्विंâग को तो दो दो मोर्चें संभालने होते हैं, घर भी बाहर भी जो बिना अच्छे स्वास्थ्य के संभव नहीं है। कुछ लोग पौष्टिक आहार का मतलब समझते हैं उबला हुआ फीका खाना खाना। उस खाने से आप इतनी जल्दी ऊब जाएँगे कि मन ही नहीं मानेगा पौष्टिक आहार लेने को।पौष्टिक आहार का अर्थ है कम कैलोरीज वाला भोजन जिसमें फल सब्जियां, दालें, सभी होते हैं। अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार में क्या लें, आइये जानिए। कार्यस्थल पर हों या घर पर, दिनभर में ८ से १० गिलास पानी अवश्य पिएं। पानी शरीर को ताजगी प्रदान करता है। दिन में भूख लगने पर, कच्ची सब्जीयों का सलाद, फल या स्प्राउट्स खा सकते हैं। इवनिंग स्नैक्स में लंच से पहले टोपू ले सकते हैं। टोपू में प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है। स्वयं को सक्रिय बनाये रखने के लिए २ से ३ घंटों के अंतराल में थोड़ा बहुत कुछ खा लें ताकि शरीर में आलस्य न आए। वाइट ब्रेड के स्थान पर ब्राउन ब्रेड लें और चावल में ब्राउन राइस लें। गेंहू के आटे में चोकर मिलाकर रोटी बनाएं ताकि होलग्रेन भी मिल जाए और रफैज भी। शाम के भोजन से पहले ताजी सब्जियों का सूप लें । भोजन में एक कटोरी दाल, एक कटोरी हरी सब्जी और एक कटोरी दही के साथ दो सामान्य चपाती या एक कटोरी उबले चावल लें। इससे शरीर को पूरी ऊर्जा मिलेगी। इस बात का पूरा ध्यान दें कि सब्जी दाल में तेल की मात्रा बहुत सीमित हो। दिन में २५० मि.लीटर दूध अवश्य लें। चाहें तो नाश्ते में या फिर रात्रि में सोने से पहले ले सकते हैं । डबल टोंड दूध ही लें। फलों से सेब, केला, पपीता नियमित ले सकते हैं पर समिति मात्रा में लें। दिन में एक या दो कम चाप, काफी से अधिक सेवन न करें। जौ न खाएं । टिंड जूस न पिंए। एनर्जी ड्रिंक्स भी न पिएं। अधिक चाय काफी भी न लें। अधिक शक्कर वाले खाद्य पदार्थ न लें जैसे बिस्कुट,चाकलेट आदि।