हे माता, हम आये, द्वार तिहारे, कुछ दे दो आशीर्वाद ”
-जयमाला-
तर्ज -आज हमारे दिल में अजब यह उलझन है …
चन्दनामती माता की जयमाला गायेंगे ” झूम कर नर – नारी , नाचे और गायेंगे–२ “
ग्यारस वर्ष की उम्र में , ब्रम्हचर्य व्रत लिया ” सन् 1971 से , सानिध्य माँ का पा लिया ” ईस्वीं सन् उन्निस सौ नवासी में दीक्षा ली ” और माधुरी से चन्दनामती बनी ” चन्दनामती माता की जयमाला गायेंगे ” झूम कर नर – नारी , नाचे और गायेंगे–“”१ “”
इनने अनेकों भजन , और ग्रन्थ लिखे ” ये गुरुमाता की प्रेरणा से लिखे ” माँ ने हिंदी , अंग्रेजी संस्कृत में ग्रन्थ लिखें ” इसलिये टी.एम.यू ने पी . एच .डी की पदवी दी ” चन्दनामती माता की ….” झूम कर नर – नारी ….“”२ “”
शांतिसागर से लेकर , सब आचार्यो को नमन ” उनकी प्रथम गणिनी ज्ञानमती माता को भी नमन ” माता ब्राहमी चन्दन बाला सम जोड़ी इनकी ” चंदनामती माता जी रत्नत्रय में रमती ” चन्दनामती माता की ….” झूम कर नर – नारी ….””३ “”
इनके प्रवचन में , ज्ञान का सार भरा ” इनकी कविताओं में , माधुर्य रस है भरा ” माता चरणों में “ दीपा “ की है प्रार्थना ” माता की छत्र-छाया में हमको भी रहना ” चंदनामती माता की जयमाला गायेंगे ” झूम कर नर – नारी , नाचे और गायेंगे–२””४ “”