Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
प्रथमाचार्य शांतिसागर की, गुणगाथा सब मिल गाओ!
June 13, 2020
भजन
jambudweep
प्रथमाचार्य शांतिसागर की
तर्ज-एक था बुल और एक थी बुलबुल…..
प्रथमाचार्य शांतिसागर की, गुणगाथा सब मिल गाओ।
हे भव्यात्मन्! उनकी गौरव-गाथा सबको बतलाओ।। प्रथमाचार्य…..।।टेक.।।
श्री कुम्भोज में बाहुबली, प्रतिमा निर्माण प्रेरणा दी।
श्री समन्तभद्र मुनिवर को, तीर्थ विकास प्रेरणा दी।।
कहा उन्होंने कल्पवृक्ष सम प्रतिमा तीर्थ पे पधराओ।। प्रथमाचार्य….।।१।।
सन् उन्निस सौ चव्वालिस में, गुरुवर को यह ज्ञात हुआ।
ताड़पत्र पर लिखित धवल, ग्रंथों का बहुतहि घात हुआ।।
बोले श्रुत की रक्षा हेतू विद्वानों को बुलवाओ।। प्रथमाचार्य….।।२।।
संघपती ने खोज कराकर, उन ग्रंथों को मंगवाया।
ताम्रपट्ट पर उत्कीरण कर, उन्हें सुरक्षित करवाया।।
गुरु ने कहा अब हिन्दी में अनुवाद सभी का करवाओ।। प्रथमाचार्य….।।३।।
श्रुतरक्षा के प्रति गुरु का, उपकार सदा स्मरण करो।
फल्टण अरु बम्बई में विराजित, उन ग्रंथों को नमन करो।।
अपने मंदिर में भी हिन्दी सहित ग्रंथ को पधराओ।। प्रथमाचार्य….।।४।।
हीरक जन्म महोत्सव गुरु का, फल्टन नगरी में आया।
हाथी पर धवला ग्रंथों का, महाजुलूस निकलवाया।।
आज भी तुम ‘‘चन्दनामती’’ गुरु उपकारों को दरशाओ।। प्रथमाचार्य….।।५।।
Previous post
पर्व दशलक्षण आया है – भजन
Next post
काव्य सुमन!
error:
Content is protected !!