== जिनके सद्भाव में जीव में जीवितपने का और वियोग होने पर मरणपने का व्यवहार होता है उन्हें प्राण कहते हैं। प्राणों के दश भेद-पांच इन्द्रिय, तीन बल-मनोबल, वचनबल और कायबल, श्वासोच्छ्वास और आयु ये दश प्राण हैं। इनमें से एकेन्द्रिय के स्पर्शनेन्द्रिय, कायबल, आयु और श्वासोच्छ्वास ये चार प्राण होते हैं। द्वीन्द्रिय के रसना इन्द्रिय और वचन बल ये छह प्राण, त्रीन्द्रिय के घ्राणेन्द्रिय सहित सात प्राण, चतुरिन्द्रिय के चक्षुइन्द्रिय अधिक होने से आठ प्राण, असंज्ञी पंचेन्द्रिय के कर्णेन्द्रिय सहित नौ प्राण और पंचेन्द्रिय संज्ञी के मन सहित दशों प्राण होते हैं।