इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना के संयुक्त निदेशक डॉ. बसंत सिंह के अनुसार ठंड के कारण अगर किसी बच्चे को निमोनिया हो जाए और इसके कारण बच्चों के शरीर का रंग पीला पड़ जाय तथा आवश्यक ध्यान न दिया जाये तो बच्चे की मौत भी हो सकती है। शरीर का सामान्य ताप ९६-९८ डि.फा. होता है। जब शरीर का तापमान सामान्य से नीचे चला जाता है तो ऐसे में शरीर खुद उस तापमान को बनाये रखने का प्रयास करता है और शरीर में कंपकपी, सिहरन आदि का एहसास होने लगता है। शरीर का तापमान ९० डि.फा. से नीचे जाने पर शरीर की चयापचय क्रिया प्रभावित होती है और चमड़े की खून की धमनियों में रक्त प्रवाह कम पड़ जाता है और शरीर ठंडा पड़ जाता है। बच्चों के शरीर का तापमान कम होने पर शरीर पर नियंत्रण रखने वाली थायराइड ग्रंथि भी शिथिल पड़ जाती है और खून में यूरिया की मात्रा बढ़ने लगती है। इस स्थिति में बच्चे को ऐंठन, मिर्गी और अचेत होने की संभावना होती है, अत: ठंड लगते ही बच्चों का अविलम्ब इलाज कराया जाना चाहिए।