हर माँ-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा उनकी सभी बातें मानें और हर वह काम करे जो वे चाहते हैं। अच्छे ढंग से पढ़ाई करे, समय पर अपना हर काम करे, पर ज्यादातर मामलों में ऐसा संभव नहीं होता। बच्चे हैं शैतानी भी करेंगे और लापरवाही भी। शोर-शराबा और ऊधमबाजी करना बच्चों का काम है। पर यह भी जान लेना जरुरी है कि बच्चे घर से ही नैतिक गुणों को सीखते हैं। अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो आपके बच्चे भी दूसरों से कुछ अलग हो सकते हैं। बच्चों की आदतों में सुधार या बदलाव लाने के लिए जरूरी है कि उनको डांट लगाई जाए, पर इससे भी जरूरी है कि उस डांट में भी प्यार भरा हो, जो उस बच्चे को भी नजर आए। जरूरी है कि बच्चों की पसंद और चाहत का भी ध्यान रखा जाए। आप भी अपने बच्चों को अपने मनमाफिक रखना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है ……
१. अपनी किसी भी बात को मनवाने के लिए जरूरी है कि बच्चों को उसके सही और गलत प्रभाव भी समझाए जाएँ।
२. बच्चों को अनुशासन सिखाएँ और यह भी कि इसे तोड़ने के क्या परिणाम हो सकते हैं।
३. बच्चे की असफलता पर उसे डांटने या कोसने की बजाय ज्यादा अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
४. बच्चों की नाजायज मांगों को बिलकुल न मानें। उनकी हर बात मानने से उनकी आदतें और बिगड़ सकती हैं।
५. हर काम के लिए समय तय करें, जैसे पढ़ाई नहीं करने पर टीवी नहीं देखने दिया जाएगा या खेलने नहीं दिया जाएगा। यह बात पहले से मालूम होगी तो बच्चा अपना हर काम समय से पहले करने की कोशिश करेगा।
६. बच्चों के शौक का भी ध्यान रखें। यदि वह ऐसा कुछ करना चाहता है जिससे कोई नुकसान न हो, जैसे ड्राँइंग, पेंटिंग या इसी तरह की दूसरी बातें तो करने दें।
७. बच्चों को मारने-पीटने की बजाय उनको उनकी जिम्मेदारी का अहसास दिलाएँ। जैसे वह अपनी किताबें-कॉपियाँ कहाँ रखे, कपड़े कहाँ रखें, बच्चे को अपने ऊपर ज्यादा निर्भर न बनाएँ।
८. बच्चों को प्रतिदिन परमात्मा की प्रार्थना करवाइये, ताकि मन तरोताजा रहे। यथावकाश संतों की संगत कराइये, ताकि मस्तिष्क स्वस्थ रहे।