नाखूनों से मन की भावनाओं को समझा जा सकता है। शरीर की कमजोरी का भी इससे ज्ञान हो सकता है। नाखून लम्बे हों तो फैफड़े कमजोर होते हैं, नाखून की मोड़ यदि अंगुली की ओर झुकी हुई हो और पार्श्व भाग में विशेष मोड़ हो, तो मनुष्य दुर्बल होता है। नाखून पर रेखाएं दुर्बलता का संकेत हैं।’ हाथ के नाखून शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं, एक ओर इनकी आकृति, रंग आदि के आधार पर जहाँ स्वभाव एवं चरित्र का ज्ञान होता है, वहीं भविष्य सम्बन्धी संकेत भी प्राप्त होते हैं। बिन्दु (पुष्पित नख) पाश्चात्य मत से शुभ माने गये हैं। ये धन, सम्पत्ति, शुभ समाचार देने वाले कहे गए हैं। जब यह नाखून के अग्रभाग में पहुँचते हैं, तब फल देते हैं। नीले या काले रंग के धब्बे महान् विपत्ति, रोग एवं कष्टकारक होते हैं। करतल रेखा एवं नखों का वर्ग विभाग हस्तरेखा विज्ञान का एक प्रमुख है। एक प्रकार का कोई प्रमुख अंग है। एक प्रकार का कोई रंग किसी भी हाथ में असम्भव नहीं, तो अत्यन्त कठिन अवश्य है। साधारणतया दो अथवा तीन रंगों का मिश्रण करतल में पाया जाता है। अतएव पूर्णज्ञान के अभाव में केवल रंग एवं धब्बों को देखकर किसी प्रकार का अनुमान लगाकर कोई धारणा नहीं बनानी चाहिए, अन्यथा भ्रम के अतिरिक्त और कोई फल प्राप्त नहीं होगा।