प्रश्न – भगवान महावीर को मुनि अवस्था में कितनी बार उपसर्ग हुए ?
उत्तर – मात्र एक बार उज्जयिनी के अतिमुक्तक वन में रुद्र द्वारा उपसर्ग हुआ है न कि अनेक बार। अनेकबार उपसर्ग मानना और सर्प द्वारा उन्हें काटे जाने पर दूध बहना, उसे संबोधित करना आदि मान्यताएँ श्वेताम्बर ग्रंथों के आधार से हैं । दिगम्बर जैन ग्रंथों में तीर्थंकर भगवान दीक्षा के बाद केवलज्ञान होने तक मौन ही रहते हैं। किसी को उपदेश नहीं देते हैं न शिष्य ही बनाते हैं। पागल हाथी को वश में करना, सर्प द्वारा डसे जाने पर दूध निकलना आदि मान्यताएँ श्वेताम्बर की हैं।