रचयित्री-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती
तर्ज—ये पर्दा हटा दो…..
इतिहास बनाने वाली, इस युग की सबसे पुरानी
ये ज्ञानमती माताजी गणिनीप्रमुख कहाती हैं।
सुनो ये ज्ञानमती माताजी शारद माँ कहलाती हैं।।०।।
ये साधु जगत की मणि हैं, ये अािर्यकाशिरोमणि हैं,
ये ज्ञानमती माताजी ब्राह्मी माँ कहलाती हैं।
सुनो ये ज्ञानमती माताजी श्रुतमाता कहलाती हैं।।१।।
सदी बीसवीं की पहली ये बालयोगिनी माता,
सभी आर्यिकाओं का तभी जुड़ गया है इनसे नाता-२
ये पूनो का चंदा हैं, ये ज्ञान की गंगा हैं,
ये ज्ञानमती माताजी गणिनीप्रमुख कहाती हैं।
सुनो ये ज्ञानमती माताजी शारद माँ कहलाती हैं।।२।।
तीर्थंकर की जन्मभूमियों का विकास करवाया,
शाश्वत तीर्थ अयोध्या में जिनशासन ध्वज लहराया-२
ये डी.लिट्. डॉक्टर माता, सिद्धान्त ग्रंथ की ज्ञाता,
ये ज्ञानमती माताजी गणिनीप्रमुख कहाती हैं।
सुनो ये ज्ञानमती माताजी शारद माँ कहलाती हैं।।३।।
ऋषभगिरी मांगीतुंगी का विश्वरिकार्ड बनाया,
शांतिसिन्धु गुरु वीरसिन्धु का गौरव खूब बढ़ाया-२
जननी बनीं रत्नमती थीं, आर्यिका हैं दो बहनें भी,
भाई रवीन्द्रकीर्ती जी की कीर्ती लहराती हैं
सुनो माँ ज्ञानमती की गुणगरिमा ‘‘चन्दना’’ सुनाती है।।४।।