तर्ज—आओ बच्चों तुम्हें……
आओ बच्चों! तुम्हें बतायें, परिचय प्रभु महावीर का।
हर बच्चे में छिपा हुआ है, तेज प्रभू महावीर सा।।
जय जय वीर प्रभो, बोलो जय महावीर प्रभो.।।टेक.।।
कुण्डलपुर में पितु सिद्धारथ, माँ त्रिशला से जन्म लिया।
अपने शौर्य पराक्रम से, महावीर नाम को धन्य किया।।
वीर बहादुर बनना हो तो, नाम जपो श्रीवीर का।
हर बच्चे में छिपा हुआ है, तेज प्रभू महावीर सा।।
जय जय वीर प्रभो, बोलो जय महावीर प्रभो-२।।१।।
प्यारे बच्चों! तुम्हें देश में, महावीर युग लाना है।
कभी न अण्डा केक पेस्टी, चाकलेट नहिं खाना है।।
दीप जलाओ जन्मदिनों पर, भोजन खाओ खीर का।
हर बच्चे में छिपा हुआ है, तेज प्रभू महावीर सा।।
जय जय वीर प्रभो, बोलो जय महावीर प्रभो-२।।२।।
गणिनी माता ज्ञानमती का, सम्बोधन है तुम सबको।
शाकाहारी बनो बनाओ, तुम बच्चों! हर बालक को।।
बच्चा बच्चा करे ‘‘चन्दना’’, नमन सदा महावीर का।
हर बच्चे में छिपा हुआ है, तेज प्रभू महावीर सा।।
जय जय वीर प्रभो, बोलो जय महावीर प्रभो-२।।३।।