तर्ज—……
नाम तिहारा तारनहारा कब तेरा दर्शन होगा।
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर तू कितना सुन्दर होगा।।
जाने कितनी माताओं ने कितने सुत जन्में हैं।
पर इस वसुधा पर तेरे सम कोई नहीं बने हैं।।
पूर्व दिशा में सूर्य देव सम सदा तेरा सुमिरन होगा।
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तू कितना सुन्दर होगा।।१।।
पृथ्वी के सुन्दर परमाणु, सब तुझमें ही समा गए।
केवल उतने ही अणु मिलकर, तेरी रचना बना गए।।
इसीलिए तुम सम सुन्दर नहिं, कोई नर सुन्दर होगा।
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तू कितना सुन्दर होगा।।२।।
मन में तव सुमिरन करने से पाप सभी नश जाते हैं।
यदि प्रत्यक्ष करें तव दर्शन, मनवांछित फल पाते हैं।।
आज ‘‘चंदनामती’’ प्रभू का अनुपम गुण कीर्तन होगा।
तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर तू कितना सुन्दर होगा।।३।।