मैं तुलसी तेरे आँगन की…. मैं सेवक तेरे चरणन का।
पूरा करो माँ-पूरा करो माँ लक्ष्य तरणन का।।मैं सेवक……..
जो भी तेरे दर पे आता खाली ना वो लौट के जाता
पाता लाभ तेरे दर्शन का मैं सेवक तेरे चरणन का।।
जैन अजैन माँ जो भी आए मनवांछित फल वो पा
जाए क्षय चाहे अपने करमन का मैं सेवक तेरे चरणन का।।
मान करे सम्मान करे माँ हर पल तेरा ध्यान करे
माँ सबको चाव तेरे सुमरन का मैं सेवक तेरे चरणन का।।
जन्म जन्म से साथ हूँ तेरे अब तो कटें भव बंधन मेरे।
मैं अभिलाषी तेरे दरशन का मैं सेवक तेरे चरणन का।।